नागरिक अधिकारों का एवं संबिधान की मूल भावना का उलंघन  किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा

केंद्र सरकार की जनविरोधी श्रमिक विरोधी एवं किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ ज्वाइंट  ट्रेड यूनियन ने ज्ञापन सौपा



छिंदवाड़ा -केंद्र सरकार की जनविरोधी श्रमिक विरोधी एवं किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ ज्वाइंट  ट्रेड यूनियन छिंदवाड़ा के आव्हान पर समस्त श्रम संगठनों ए आई बी इ ए ,हिंद मजदूर किसान पंचायत ,एम पी एम एस आर यू, बी एस एन एल , जबलपुर डिवीजन आफ एम्पलॉइस यूनियन, आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल एवं अन्य संगठनों के द्वारा 26नवंबर की राष्ट्रिय आम हड़ताल की घोषणा का समर्थन करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचकर 14 सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौपा आशय की जानकारी देते हुए श्रमिक संगठनों की ओर से कामरेड सलिल  शुक्ला एवं डी के प्रजापति   ने  कहा की  राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मुख्य मकसद यहहै की सरकार कोविद19 का बहाना बनाकर संबिधान मे प्रदत अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है जिस तरह से श्रम कानूनों मे परिवर्तन का श्रमिकों के अधिकारों पर सुनियोजित हमला कर उन्हें गुलाम बनाने की साजिश की गयी है वंही बेंको के निजीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर राष्ट्रीयकृत बैंक अडानी अम्बानी को देने की साजिश की जा रही है भारत संचार निगम मे स्वेछिक सेवनिबृति देकर इसे बर्बाद कर दिया गया है किसानो के खिलाफ ४ कृषि कानून  बनाकर किसानो को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का काम सरकार ने किया है जिस तरह से सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है और उनकी सम्पति बेचीं जा रही है यह गंभीर है ठेकाप्रथा को बढ़ावा देकर नियमित कर्मचारीओ की छटनी की जा रही है यह नागरिक अधिकारों का एवं संबिधान की मूल भावना का उलंघन है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जायेगा


1-सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों को पुनर्जीवित किया जावे


2-सार्वजानिक क्षेत्र की सम्पतियो की बिक्री पर रोक लगायी जावे


3-श्रम कानूनों मे किये गए परिवर्तनों को निरस्त किया  जावे


4-शासकीय उपक्रमों मे समयावधि से पहले की जा रही सेवा निवृति को निरस्त किया जावे


5-किसान विरोधी चारो कानून तुरंत प्रभाव से ख़ारिज किये जावे


6-जो परिवार आयकर दाताओ की श्रेणी मे नहीं आते उनके खातों मे 7500 रुपया प्रतिमाह डाला जावे


7-देश के उन समस्त उपभोक्ताओं को प्रतिमाह राशन प्रदान किया जावे जो की इसकी पात्रता रखते है


8-एस पी ई एक्ट (सेवा शर्ते अधिनियम 1976 ) का कड़ाई से पालन किया जावे


9-दवाओँ की ऑनलाइन बिक्री एवं विक्रय प्रोत्साहन बंद किया जावे


10-दवाओं पर 0 प्रतिशत जी एस टी लगाया  जावे


11-बेंको के समस्त बिलफुल डिफाल्टर्स के नाम सार्वजानिक कर उनकी सम्पत्ति जब्त की जावे


12-बी एस एन एल की 4 जी सेवा तत्काल बहाल l की जावे 


13-ठेका श्रमिकों की छटनी तुरंत बंद की जावे


14- सामान कार्य का सामान वेतन दिया जावे