आखिर चैत शुक्ल अष्टमी को अशोक की जन्म  - तिथि क्यों और कैसे है?

दुनिया भर के इतिहासकार सम्राट अशोक की जन्म - तिथि को लेकर हैरान हैं। आखिर चैत शुक्ल अष्टमी को अशोक की जन्म  - तिथि क्यों और कैसे है?


बात 408 ई. की है। तब फाहियान पाटलिपुत्र में मौजूद थे। वो अप्रैल महीने की 19 तारीख थी। दिन रविवार था। पूरा पाटलिपुत्र अशोक जयंती के जलसे में डूबा हुआ था। फाहियान ने इस जलसे का आँखों देखा हाल प्रस्तुत किए हैं।


तब भारत में शक संवत का प्रचलन था। सो 408 ई. का शक संवत में रूपांतरण 330 होगा। शक संवत 330 में चैत का अधिमास ( Leap month ) था। कैसे अधिमास था? इसका सूत्र है कि 330 में 12 का गुणा कीजिए और फिर 19 का भाग दीजिए। यदि शेषफल 9 से कम होगा, तब समझिए कि शक संवत 330 का साल अधिमास होगा। गणना करने पर शेषफल 8 आता है। साबित हुआ कि शक संवत 330 अर्थात 408 ई. में अधिमास था।


अब जानिए कि किस महीने में अधिमास था। इसके लिए दो सूत्र हैं। पहला यह कि शक संवत 330 में 1666 को घटाइए। फिर 19 का भाग दीजिए। यदि शेषफल 3 है तो समझिए कि वह चैत का अधिमास था। दूसरा सूत्र यह है कि शक संवत 330 में 928 घटाइए। फिर 19 का भाग दीजिए। यदि शेषफल 9 है तो समझिए कि वह चैत का अधिमास था। दोनों सूत्र से जाँचने के बाद पता चलता है कि 408 ई. में चैत का अधिमास था। अर्थात दो चैत साथ - साथ लगे थे।


फाहियान ने लिखा है कि पाटलिपुत्र में प्रत्येक साल सेकेंड मून ( Second Moon ) में 8 वीं तिथि को जुलूस निकलता था। 408 ई. में Secod Moon में 8 वीं तिथि चैत शुक्ल अष्टमी होगी। इसलिए कि उस साल चैत अधिमास था। फाहियान ने जुलूस का सविस्तार वर्णन किया है। इस दिन 4 पहिए का रथ बनता था। रथ 20 हाथ ऊँचा और स्तूप के आकार का बनता था। बीच में बुद्ध की मूर्ति होती थी। बड़े पैमाने पर लोग जुलूस में शामिल होते थे। नाचते - गाते थे। प्रमुख लोग औषाधालय स्थापित करते थे। गरीब, अपंग, अनाथ, विधवा आदि की सहायता करते थे। वैद्य बीमार लोगों की चिकित्सा करते थे।


यहीं तो सम्राट अशोक भी करते थे। अशोक जयंती पर सम्राट अशोक की राह चलकर तब भारत की जनता अपने इस महानायक को सच्चे अर्थों में नमन करती थी। फाहियान की पुस्तक का अनुवाद करने में जेम्स लेगी से थोड़ी चूक हुई कि उन्होंने सेकेंड मून को दूसरा महीना लिख दिए। परिणाम यह हुआ कि भारत के इतिहासकारों ने उसे वैशाख बना लिया। इसका सटीक अनुवाद " रिकाॅर्ड आॅफ दि बुद्धिस्टिक किंगडम्स " में हर्बर्ट ए. गाइल्स ने किया है - सेकेंड मून में आठवीं तिथि।


सेकेंड मून की आठवीं तिथि शक संवत 330 में चैत शुक्ल अष्टमी होगी। आज 1 अप्रैल, 2020 को भारत में अशोक जयंती मनाई जा रही है, फाहियान ने जिस अशोक जयंती का आँखों देखा हाल लिखा है, वह 19 अप्रैल, 408 ई. को मनाई गई थी।


स्ट्रैबो ने लिखा है कि भारत में जन्म - दिन मनाने की परंपरा मौर्य शासकों ने आरंभ की।


सम्राट अशोक की जन्म - तिथि के बारे में नए तथ्यों को खोजकर आज उन्हें जन्म - दिन पर नमन करता हूँ।


राजेन्द्र प्रसाद सिंह